Personal Finance In Hindi : अमीर बनने की कला-

PERSONAL FINANCE IN HINDI

दोस्तों आज की पोस्ट Personal Finance In Hindi में हम बहुत ही सरल भाषा में Personal Finance की अवधारणा को हिन्दी में समझने का प्रयास करेंगे। Personal Finance In Hindi पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको Personal Finance को समझने में काफी सहायता मिलेगी।

Personal Finance का अर्थ

Personal Finance दो शब्दों Personal तथा Finance से मिलकर बना है पर्सनल का हिंदी अर्थ व्यक्तिगत होता है तथा फाइनेंस का हिंदी अर्थ वित्त होता है। इस प्रकार पर्सनल फाइनेंस का अर्थ व्यक्तिगत वित्त होता है। वित्त का सीधा सम्बन्ध धन से है। अतः कोई व्यक्ति अपने धन का उपयोग एवं प्रबंधन किस प्रकार करता है ? यही पर्सनल फाइनेंस कहलाता है। इसे हम एक उदाहरण से समझ सकते है। प्रतीक एक प्राइवेट फर्म में काम करता है। उसे रु० 18000 प्रतिमाह वेतन के रूप में प्राप्त होते है। अब वह अपनी इस आय को किस प्रकार और कितना व्यय करेगा ? कितनी बचत करेगा ? बचत के पैसों का कहाँ निवेश करेगा ? उसके यह निर्णय उसकी पर्सनल फाइनेंस की समझ पर निर्भर करेंगे।

Personal Finance In Hindi

उपर्युक्त उदाहरण से स्पष्ट है कि Personal Finanace व्यक्ति अपने आर्थिक निर्णय किस प्रकार लेता है ? से सम्बंधित है। सभी व्यक्ति अपनी वित्तीय समझ व परिस्थितियों के आधार पर अपने आर्थिक निर्णय लेते हैं। पैसे सभी व्यक्ति कमाते हैं, परंतु पैसे कमाना अलग बात है, और पैसे को मैनेज करना अलग बात।व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पैसे कमाने से अधिक इस बात पर निर्भर करती है। कि वह पैसे को मैनेज कैसे करता है ? पैसे कमाने से अधिक महत्वपूर्ण बचत करना है, और बचत से भी अधिक महत्वपूर्ण उसे बचत के पैसों का सही निवेश करना है। इस प्रकार पर्सनल फाइनेंस प्रत्येक व्यक्ति की अपने धन की बचत व निवेश का निर्णय लेने की कला का नाम है। यह कला आय कम होने पर भी व्यक्ति को अमीर बना सकती है। यही पर्सनल फाइनेंस का जादू है। जिसे हमें सीखना है।

Personal Finance की समझ क्यों जरूरी है ?

Personal Finanace की समझ होना आज प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता बनती जा रही है। आज के आर्थिक युग मे यदि हमे तनावरहित और खुशहाल जीवन जीना है तो हमें Personal Finance सीखना ही होगा। Personal Finance हमारे लिए क्यों जरूरी है इसे हम निम्न बिदुओं से समझ सकते है-

PERSONAL FINANCE के उद्देश्य

1- Inflation अर्थात महंगाई एक ऐसा कारक है जो निरन्तर हमारे पैसे के मूल्य को कम करती जाती है। यदि हमें अपने धन की वैल्यू को कम होने से बचाना है, तो हमें अपने धन में प्रतिवर्ष कम से कम 6-7 % की वृद्धि प्राप्त करनी होगी। जिसे हम Personal Finance के द्वारा आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

2- यदि हमें अपने धन में कई गुना की वृद्धि करनी है , तो Personal Finance की समझ के द्वारा हम ऐसा आसानी से अपने धन का सही निवेश करके कर सकते हैं।

3- प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ कार्य जैसे बच्चों की शिक्षा,स्वास्थ्य, शादी,मकान आदि के लिए अधिक पैसे की आवश्यकता होती है। Personal Finance के सही ज्ञान के द्वारा इन लक्ष्यों को हम आसानी से पूरा कर सकते है।

4- Personal Finance की समझ होने से हम आर्थिक आजादी के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।अर्थात हमे अपने आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किसी प्रकार का तनाव लेने की आवश्यकता नही होगी।

5- Personal Finance हमें अपनी आय में भी बढोत्तरी करने के तरीके भी सिखाता है। इसके द्वारा हम Passive Income करना भी सीख सकते है। जिससे हम बिना कोई अतिरिक्त कार्य किये सिर्फ अपने वित्त को मैनेज करके भी अतिरिक्त आय कमा सकते है। तथा अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं।

Personal Finance का महत्व-

अभी तक हम समझ चुके हैं कि Personal Finance हमारे जीवन को खुशहाल बनाने के लिए बहुत ही जरूरी है। Personal Finance के महत्व को समझने के लिए हम पुनः प्रतीक की कहानी पर आते हैं। प्रतीक की आय कम होने के कारण वह न के बराबर ही बचत करना तो दूर उसे घर का खर्च चलाने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। इसी कारण वह तनावग्रस्त रहने लगा था। एक दिन उसकी मुलाकात उसके मित्र महेश से हुई जिसका वेतन भी उसी की तरह कम था परन्तु उसके ठाट बाट देखकर प्रतीक आश्चर्यचकित रह गया। उसने महेश से पूछा कि क्या उसकी कोई अच्छी जॉब लग गई है तो महेश ने कहा नही वह वही जॉब कर रहा है और उसका वेतन भी उतना ही है। प्रतीक ने फिर उससे पूछा कि फिर वह इतना अच्छे से कैसे रह रहा है यहां तो रोज के खर्चे ही पूरे नही पड़ रहे है ? महेश ने बताया कि अब उसने अपना पैसा बचाना सीख लिया है। अब अपने कुछ खर्चों में कटौती करके वह थोड़े पैसे बचाता। उन्ही पैसों को निवेश करके उसने अच्छा लाभ कमा लिया। जिससे उसकी आर्थिक स्थिति पहले से ठीक हो गयी। प्रतीक ने पूछा कि तुमने यह सब कैसे सीखा ? महेश ने बताया कि उसका एक मित्र आर्थिक सलाहकार है उसी ने यह सब बताया । महेश के दोस्त ने महेश को जो सिखाया उसे ही Personal Finance कहते है। प्रतीक ने भी अब Personal Finance सीखना प्रारम्भ कर दिया है। महेश की भांति हम भी Personal Finance को सीख कर अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं। अपने जीवन मे Personal Finance के महत्व को हम निम्नवत समझ सकते हैं-

Personal Finance का महत्व
  • Personal Finance को सीखकर हम अपने को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना सकते है। जिससे हमें कभी भी अपने जीवन में पैसे को लेकर चिंता करने की जरूरत नही पड़ेगी।
  • Personal Finance हमें हमारे सपने पूरे करने में सहायता करता है। अपनी जो इच्छायें हम पैसे के आभाव में पूरी नही कर पाते थे । पैसे के उचित प्रबंधन से अब धीरे धीरे हम उन्हें भी पूरा कर सकते हैं।
  • Personal Finance के द्वारा हम बचत करने की कला भी सीख सकते है,यह हम अपने अनावश्यकखर्चों में कटौती करके कर सकते है, जिसके लिए एक पूरी प्रक्रिया है जिसे हम आगे सीखेंगे।
  • Personal Finance हमें कम आय होने पर भी अच्छा जीवन स्तर जीने की कला सीखता है। यह हमें अपनी अल्प बचतों का निवेश करके धन कमाना सीखता है।
  • हम Personal Finance को सीख कर अपने को ऋण जाल में फसने से भी बचा सकते हैं। जो हमारे लिए अत्यंत घातक होता है।

Personal Finance का क्षेत्र-

Personal Finance का क्षेत्र काफी व्यापक है। इसके अंतर्गत किसी व्यक्ति की आय, व्यय ,बचत, निवेश ,फाइनेंसियल प्लानिंग आदि का के बारे में बात करता है-

Personal Finance का क्षेत्र

आय के स्रोत-

सभी व्यक्ति कुछ न कुछ अवश्य कमाते हैं। परन्तु कमाने के दो तरीके है। एक तो Active Income प्राप्त करने का तरीका है। जब हम किसी कार्य को स्वयं का श्रम और समय लगाकर करते है और उसके लिए आय प्राप्त करते हैं। इसे दूसरा तरीका है कि हम निरतंर सक्रिय रूप से कार्य न करके एक बार श्रम करते हैं। और वह हमें आगे बिना कुछ करे आय देता रहता है। जैसे यूट्यूब वीडियो बनाना ,किताब लिखना आदि। इसको पैसिव income कहते हैं। Personal Finance हमें Passive Income कमाना सीखता है। यदि हमें धनवान बनाना है तो हमे Passive Income अर्जित करने के तरीके ढूंढने होंगे।

व्यय-

व्यक्ति दो तरह की वस्तुओं पर अपनी आय को खर्च करता है-

Assets-

ऐसी वस्तुएं जिनको लेने के बाद इनके मूल्य में समय के साथ गिरावट आती है। अर्थात समय के साथ इनकी कीमत घटती जाती है। जैसे टी०वी०,फ्रिज ,ए०सी० आदि। इन पर व्यक्ति को अपनी आय का कम भाग खर्च करना चाहिए।

Liabilities-

वे वस्तुएं जो सम्पत्ति मानी जाती हैं। जिनकी कीमत समय के साथ बढ़ती है, Assets कहलाती हैं । व्यक्ति को इनपर अपेक्षाकृत अधिक व्यय करना चाहिए।

Personal Finance हमें Liabilities कम करके Assets बनाना सिखाता है।

व्यय-

आय से भी अधिक महत्वपूर्ण बचत होती है। कम आय वाला व्यक्ति भी अधिक आय वाले व्यक्ति की अपेक्षाअधिक बचत कर सकता है।यह व्यक्ति की आदत व आवश्यकता पर निर्भर करता है यदि व्यक्ति अपने अनावश्यक खर्चों में कमी करके अधिक बचत कर सकता है। बचत करने के तरीकों को हम Personal Finance के द्वारा सीख सकते हैं।

निवेश-

यदि व्यक्ति को अमीर बनना है तो उसे निवेश करने की कला आनी चाहिए। यदि हम सही तरीके सेG निवेह नही करते हैं तो हम अपने धन में वृद्धि नही कर पाएंगे।

Financial Planning-

Personal Finance का सबसे जरुरी स्टेप फाइनेंसियल प्लानिंग है। Financial Planing को यदि व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुसार आय व्यय को अपने आर्थिक लक्ष्यों को ध्यान में रखकर मैनेज करता है। तो उसे भविष्य में धन के लिए चिता करने की जरूरत नहीं पड़ती।

इस प्रकार Personal Finance जो कि फि Finance का ही एक भाग है। हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है । इसे सीखकर हम अपने जीवन को आसान और चिंता मुक्त बना सकते हैं।

प्रश्न 1- पर्सनल फाइनेंस क्या है ?

उत्तर- पर्सनल फाइनेंस किसी व्यक्ति द्वारा अपने वित्त को मैनेज करने का तरीका है। व्यक्ति अपनी आय ,व्यय, बचत , निवेश आदि से सम्बंधित आर्थिक निर्णय पर्सनल फाइनेंस के आधार पर ही लेता है।

प्रश्न 2- पर्सनल फाइनेंस के उद्देश्य क्या है?

उत्तर- पर्सनल फाइनेंस का उद्देश्य व्यक्ति को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना, उसके आर्थिक लक्ष्यों को पूरा करना, धन में कई गुना वृद्धि करना, व्यक्ति को अमीर बनाना आदि हैं।

प्रश्न 3- बचत क्या है ?

उत्तर- व्यक्ति की आय का वह भाग जो व्यय करने के बाद बचता है,बचत कहलाता है।
बचत = कुल आय – कुल व्यय

प्रश्न 4- निवेश क्या है ?

उत्तर – बचत के पैसों को किसी उत्पादक कार्य में लगाना या किसी ऐसे इंस्ट्रूमेंट में लगाना जिससे धन में वृद्धि हो सके , निवेश कहलाता है।

2 thoughts on “Personal Finance In Hindi : अमीर बनने की कला-”

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